नीट यूजी के 75 से अधिक छात्रों को हाल ही में मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय से एक बड़ा झटका लगा, जब अदालत ने उनकी याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें उन्होंने परीक्षा के पुनः आयोजन की मांग की थी। छात्रों का आरोप था कि 4 मई को आयोजित परीक्षा के दौरान इंदौर और उज्जैन के कई परीक्षा केंद्रों में बिजली जाती रही, जिसके कारण परीक्षा में उनकी क्षमता प्रभावित हुई। उन्होंने महसूस किया कि यह स्थिति उनके भविष्य को खतरे में डाल रही है। अब, छात्रों ने इस न्यायिक फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील करने की योजना बनाई है, जिससे उनकी परीक्षा के परिणामों पर प्रभाव पड़ सकता है।
इंदौर हाई कोर्ट का फैसला
इंदौर में 4 मई को नीट यूजी परीक्षा के दौरान बिजली गुल होने की घटनाओं ने 75 से ज्यादा छात्रों का भविष्य दांव पर लगा दिया। इस मामले में प्रभावित छात्रों ने हाई कोर्ट में याचिकाएं दायर कीं, जिसमें दोबारा परीक्षा कराने की मांग की गई थी।
हाई कोर्ट का निर्णय
सोमवार को इंदौर हाई कोर्ट ने इन याचिकाओं को खारिज कर दिया। कोर्ट ने परीक्षा आयोजित करने वाली नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) की रिट अपील को मंजूर करते हुए अपना फैसला सुनाया। 10 जुलाई को हुई सुनवाई में सभी पक्षों को सुना गया था और इसके बाद न्यायाधीशों ने अपना निर्णय सुरक्षित रख लिया था।
छात्रों की चिंताएँ
इस फैसले के बाद छात्रों और उनके परिजनों की उम्मीदें चुराई गईं। छात्रों का मानना था कि यदि उन्हें दोबारा परीक्षा का मौका नहीं दिया गया, तो उनके भविष्य पर प्रतिकूल असर पड़ेगा। इसका विरोध करते हुए, प्रभावित छात्रों की ओर से एडवोकेट मृदुल भटनागर ने अदालत में अपनी दलीलें प्रस्तुत कीं।
NTA का पक्ष
NTA की ओर से कहा गया कि 22 लाख छात्रों ने परीक्षा दी है, और यह केवल कुछ ही छात्रों के लिए विशेष स्थिति नहीं बनानी चाहिए। सरकारी सॉलिसिटर जनरल, तुषार मेहता ने इस मुद्दे पर मजबूती से अपना पक्ष रखा और बताया कि सभी प्रावधानों का पालन किया गया है।
फीस और रिपोर्ट के विवाद
छात्रों के वकील ने आरोप लगाया कि NTA ने परीक्षा के लिए 350 करोड़ रुपये की फीस ली है, और उनके पास बिजली की पर्याप्त बैकअप व्यवस्था नहीं थी। इस मुद्दे पर भी अदालत में बहस हुई, जिसमें छात्रों ने आरोप लगाया कि NTA ने जो रिपोर्ट दी है, वह तथ्यों से भरी हुई है।
निष्कर्ष
हाई कोर्ट के इस निर्णय से प्रभावित छात्रों में निराशा का माहौल है। अब ये छात्र अपने हक के लिए सुप्रीम कोर्ट जाने का निर्णय ले रहे हैं। सभी उम्मीद कर रहे हैं कि सुप्रीम कोर्ट में उनके मामले पर उचित सुनवाई होगी और उन्हें न्याय मिलेगा।
सारांश
- मामला: नीट यूजी परीक्षा में बिजली गुल होने के कारण छात्रों को परेशानी।
- कोर्ट का फैसला: याचिकाएं खारिज।
- NTA का पक्ष: 22 लाख छात्रों की परीक्षा में विशेष स्थिति का निर्माण नहीं।
- छात्रों की प्रतिक्रिया: आहत और निराश, सुप्रीम कोर्ट में अपील का विचार।
इस घटनाक्रम ने कई छात्रों के जीवन पर प्रभाव डाला है और अब सभी की नज़रें सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई पर हैं।