Bihar Teacher News: बिहार के शिक्षकों के लिए एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया है, जिसके अंतर्गत राज्य के 71,000 प्राथमिक विद्यालयों में कार्यरत साढ़े पांच लाख शिक्षकों को प्रशिक्षित किया जाएगा। इस प्रशिक्षण का उद्देश्य शिक्षकों की शैक्षिक गुणवत्ता को बढ़ाना और छात्रों को बेहतर शिक्षा प्रदान करना है। पहले चरण में विशेष रूप से पहली और दूसरी कक्षा के शिक्षकों को प्रशिक्षण दिया जाएगा। सभी प्रारंभिक विद्यालयों में शिक्षकों का चयन कर उन्हें नामित किया जाएगा। इस संबंध में प्राथमिक शिक्षा निदेशक साहिला ने शुक्रवार को सभी जिला शिक्षा पदाधिकारियों को स्पष्ट दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं, जिससे शिक्षकों का प्रशिक्षण प्रभावी ढंग से संपन्न हो सके। आइये पूरी खबर क्या है जानते हैं।
राज्य सरकार ने प्रारंभिक शिक्षा को सुधारने और गुणवत्तापूर्ण शिक्षण को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से 71,000 प्राथमिक विद्यालयों में कार्यरत साढ़े पांच लाख शिक्षकों के प्रशिक्षण की योजना बनाई है। इस पहल का उद्देश्य खासतौर पर पहली और दूसरी कक्षा के शिक्षकों को प्रशिक्षित करना है, ताकि वे बच्चों को बेहतर तरीके से सिखा सकें और उनका समग्र विकास सुनिश्चित हो सके।
इस पहले चरण में, सभी प्राथमिक विद्यालयों में पहली और दूसरी कक्षा के शिक्षकों को नामित करने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। इस संबंध में प्राथमिक शिक्षा निदेशक साहिला ने शुक्रवार को सभी जिला शिक्षा पदाधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए हैं। निदेशक ने कहा कि शिक्षकों का प्रशिक्षण केवल अनिवार्य नहीं है, बल्कि यह समग्र शिक्षा अभियान के तहत भारत सरकार द्वारा निर्धारित प्रावधानों के अनुरूप किया जा रहा है।
वर्ष 2025-26 के लिए अनुमोदित वार्षिक कार्ययोजना एवं बजट में शिक्षक प्रशिक्षण के लिए विशेष प्रावधान किए गए हैं। इसके अंतर्गत, जिला शिक्षा पदाधिकारियों को यह निर्देश दिया गया है कि वे प्राथमिक विद्यालयों के प्रधानाध्यापकों को मार्गदर्शन दें, ताकि पहली और दूसरी कक्षा के शिक्षकों को ई-शिक्षाकोष पर नामित किया जा सके। यह नामांकन शीघ्र प्रारंभ होने वाली प्रशिक्षण प्रक्रिया में शामिल करने के लिए आवश्यक है, ताकि सभी शिक्षक प्रशिक्षित होकर आधुनिक शिक्षण विधियों को समझ सकें और उनका उपयोग कर सकें।
इस पहल से शिक्षकों की गुणवत्ता में सुधार होने की उम्मीद है, जिससे विद्यार्थियों को बेहतर शिक्षा मिल सकेगी और उनके विकास में मदद मिलेगी। शिक्षक प्रशिक्षण के इस कार्यक्रम को लेकर सरकार की योजना है कि इससे न केवल शिक्षकों की पेशेवर क्षमता में वृद्धि होगी, बल्कि इसका सकारात्मक असर छात्रों के सीखने की प्रक्रिया पर भी पड़ेगा, जिससे शिक्षा प्रणाली में समग्र सुधार होगा।