MP Shikshak Salary News: मध्यप्रदेश में सरकारी कर्मचारियों और अधिकारियों की कार्यालयों में उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए कई प्रभावी उपाय किए जा रहे हैं। विशेष रूप से शिक्षा विभाग में, एक सार्थक एप्लीकेशन की शुरुआत की गई है, जो शिक्षकों और अन्य कर्मचारियों की उपस्थिति की निगरानी करती है। इस एप के माध्यम से कर्मचारियों की उपस्थिति को सटीक रूप से रिकॉर्ड किया जाएगा। इसके अतिरिक्त, एक नई पहल के तहत कर्मचारियों का वेतन अब उनके उपस्थिति रिकार्ड के आधार पर ऑटोमेटिकली जनरेट होगा। यदि किसी शिक्षक की अनुपस्थिति पाई जाती है, तो उनका वेतन रोक दिया जाएगा, जिससे अनुशासन और कार्य के प्रति जिम्मेदारी को बढ़ावा मिलेगा। इस पहल का उद्देश्य सरकारी कार्यों में सुधार लाना और कर्मचारियों की जवाबदेही सुनिश्चित करना है।
मध्यप्रदेश में सरकारी कर्मचारियों और अधिकारियों की कार्यालयों में हर स्थिति में उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए कई प्रयास किए जा रहे हैं। शिक्षा विभाग में इसके लिए सार्थक एप का आरंभ किया गया है, जिसमें शिक्षकों समेत अन्य कर्मचारियों की उपस्थिति अनिवार्य है। भिंड में जिला शिक्षा अधिकारी ने जिले के उन शिक्षकों के लिए निर्देश जारी किए हैं जिनका वेतन जुलाई में भुगतान होने वाला है, और जिन्होंने सार्थक एप पर अपनी उपस्थिति दर्ज नहीं की है। हालांकि, इस पर प्रदेशभर में विवाद उत्पन्न हो रहा है। इस बीच, शिक्षा विभाग ने एक और महत्वपूर्ण पहल की है जिसमें उपस्थिति के आधार पर कर्मचारियों और अधिकारियों का वेतन स्वतः उत्पन्न होगा।
भिंड के जिला शिक्षा अधिकारी आर.डी. मित्तल ने सोमवार को ऑनलाइन समीक्षा के आधार पर जिले के 344 शिक्षकों के वेतन रोकने के आदेश दिए। इसके साथ ही, संकुल प्राचार्यों को पत्र भेजकर कहा गया कि संकुलवार सभी शिक्षकों की सूची जिला कार्यालय में प्रस्तुत की जाए। इसके लिए संकुल प्राचार्यों को तीन दिन का समय निर्धारित किया गया है।
जिला शिक्षा अधिकारी आर.डी. मित्तल ने संकुल प्राचार्यों को यह चेतावनी भी दी है कि सभी शिक्षक सार्थक एप के जरिए विद्यालय पहुंचकर अपनी उपस्थिति दर्ज करवाएं। यह सुनिश्चित करें कि कोई शिक्षक बिना वैध अवकाश स्वीकृति के अनुपस्थित न रहे। ऐसा पाए जाने पर उनके विरुद्ध कठोर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।
उपस्थिति के आधार पर स्वतः वेतन जनरेशन
इस बीच, शिक्षा विभाग ने शिक्षकों समेत अपने सभी कर्मचारियों और अधिकारियों के लिए ई-गवर्नेंस प्लेटफॉर्म विकसित किया है। एजुकेशन पोर्टल 3.0 पर विकसित हमारे शिक्षक ई-गवर्नेंस प्लेटफॉर्म की विशेषता यह है कि इसका डेटा ट्रेजरी से भी जुड़ा रहेगा। खास बात यह है कि इसमें उपस्थिति के आधार पर स्वतः वेतन बनेगा। हालांकि, इसमें अभी कई तकनीकी समस्याएं सामने आ रही हैं, जिसके कारण व्यावहारिक रूप से इसका पूरी तरह कार्यान्वयन नहीं किया जा रहा है।
भिंड के जिला शिक्षा अधिकारी आर.डी. मित्तल बताते हैं कि हमारे शिक्षक ई-गवर्नेंस प्लेटफॉर्म का डेटा ट्रेजरी से भी जुड़ा रहेगा। व्यावहारिक रूप से, यह अभी पूर्ण रूप से लागू नहीं हो पाया है।